{40 Most Common} O Level VIVA Questions and Answers

आज हम जानेंगे की वो कौनसे प्रश्न है जो O Level Practical Viva में बहुत ज्यादा पूछे जाते है। कुछ ऐसे ही O Level Practical Viva Questions को पढ़ेंगे और समझेंगे की आपको अपने ओ लेवल परीक्षा में किस प्रकार के प्रश्न देखने को मिलेंगे।

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ओ लेवल की प्रैक्टिकल परीक्षा में आपसे किस प्रकार के प्रश्न पूछे जा सकते है यह सम्पूर्ण रूप से मौखिक लेने वाले अध्यापक कर निर्भर करता है। (बहुत हद तक उनके मूड पर भी निर्भर करता है।)

प्रैक्टिकल परीक्षा में आपका वायवा लेने आये अध्यापक अगर कुछ हंश्मुख स्वभाव के है तो आपका थोड़ा मजाक मस्ती में वायवा हो सकता है लेकिन अगर अध्यापक थोड़े खडूस स्वभाव के होंगे तो हो सकता है उनके पूछे सवालों के जवाब देंगे में आपके पसीने छूट जायेंगे। (हम आप में डर का भाव पैदा नहीं कर रहे, हो होता है बता रहे है।)

O Level Most Common VIVA Questions and Answers

आइये! अब हम कुछ ऐसे प्रश्नों को पढ़ते और समझते है जिनको ओ लेवल प्रैक्टिकल परीक्षा के वायवा में बार-बार पूछा जाता है-

ओ लेवल के वायवा में हालांकि आपसे कहीं से भी और कुछ भी पूछा जा सकता है इसलिए हमने जिन प्रश्नों का चयन किया है उन प्रश्नों को जितना हो सके उतना अच्छे से समझाने का प्रयास किया है ताकि उन प्रश्नों में से अगर आपसे कुछ भी पूछा जाए तो आप बिना किसी हिचकिचाहट के अपना उत्तर दे पाए।

Question 1. वाईफाई का फुल फॉर्म क्या होता है?
Answer: वाईफ़ाई का पूर्ण रूप “Wireless Fidelity” होता है। यह एक तकनीकी प्रमाणक (standard) है जिसका उपयोग बिना तार या केबल के इंटरनेट कनेक्शन को साझा करने के लिए किया जाता है। वाईफ़ाई के माध्यम से, उपयोगकर्ता वायरलेस रूप से इंटरनेट तक पहुंच सकते हैं और अपने डिवाइस को एक नेटवर्क से जोड़ सकते हैं जैसे कि स्मार्टफोन, लैपटॉप, और टैबलेट।
Question 1. What is the full form of WiFi?
Answer:
The full form of WiFi is “Wireless Fidelity”. It is a technical standard used to share internet connections without wires or cables. Through WiFi, users can wirelessly access the Internet and connect their devices to a network such as smartphones, laptops, and tablets.

Question 2. ईमेल का पूर्ण रूप बताओ?
Answer:
ईमेल का पूर्ण रूप “Electronic Mail” होता है। ईमेल एक इलेक्ट्रॉनिक संदेशों का सिस्टम है जिसका उपयोग विभिन्न नेटवर्क्स पर संदेश भेजने और प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह इंटरनेट पर सबसे प्रमुख और प्रभावी संचार के तरीकों में से एक है। इसके माध्यम से उपयोगकर्ता टेक्स्ट, फ़ाइल, चित्र, वीडियो आदि को एक संदेश के रूप में दूसरे उपयोगकर्ता के पास भेज सकते हैं।
Question 2. Tell me the full form of email?
Answer:
The full form of email is “Electronic Mail”. Email is an electronic messaging system used to send and receive messages over various networks. It is one of the most prominent and effective methods of communication on the Internet. Through this, users can send text, files, images, videos, etc. as a message to another user.

Question. 3. लैंडस्केप क्या है?
Answer:
लैंडस्केप को कम्प्यूटर में “पेज ओरिएंटेशन” के रूप में जाना जाता है।
Question. 3. What is landscape?
Answer:
Landscape is known as “page orientation” in computers.

Question. 4. HTTP का फुल फॉर्म क्या होता है?
Answer:
HTTP का फुल फॉर्म होता है “Hypertext Transfer Protocol”।
Question. 4. What is the full form of HTTP?
Answer:
The full form of HTTP is “Hypertext Transfer Protocol”.

Question. 5. क्या LibreOffice सॉफ्टवेयर पेड (शुल्क) है या फ्री (नि:शुल्क) है?
Answer:
LibreOffice सॉफ्टवेयर मुफ्त (फ्री) है।
Question. 5. Is LibreOffice software paid or free?
Answer:
LibreOffice software is free.

Question. 6. वेबसाइट क्या होती है?
Answer:
वेबसाइट (Website) सार्वजनिक रूप से इंटरनेट पर उपलब्ध वेब पेजों और संबंधित सामग्री का एक संग्रह होता है, जिसे एक सामान्य डोमेन नाम (Domain Name) से पहचाना जाता है और कम से कम एक वेब सर्वर पर प्रकाशित किया जाता है।
Question. 6. What is a website?
Answer:
A website is a collection of web pages and related content publicly available on the Internet, identified by a common domain name and published on at least one web server.

Question. 7. यूपीआई का पूरा नाम क्या होता है?
Answer:
UPI का सही पूरा नाम “Unified Payments Interface” है। यह भारतीय डिजिटल भुगतान संबंधी एक प्रमुख प्रोटोकॉल है जो अन्य भुगतान ऐप्स और बैंकों के बीच इंटरफेस प्रदान करता है। UPI उपयोगकर्ताओं को आसानी से विभिन्न डिजिटल भुगतान करने की सुविधा प्रदान करता है और बैंक खातों के माध्यम से नकदी की आपूर्ति, पीईआर टीएम और अन्य व्यवहारों को सुगम बनाता है।
Question. 7. What is the full form of UPI?
Answer:
The correct full name of UPI is “Unified Payments Interface”. It is a major Indian digital payment protocol that provides an interface between other payment apps and banks. UPI facilitates users to make various digital payments easily and facilitates cash supply, Payer TM and other transactions through bank accounts.

Question. 8. कंप्यूटर क्या है?
Answer:
कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक यंत्र है जो डेटा की गणना, संचित करना, प्रसंस्करण करना, सूचना को प्राप्त करना, साझा करना और अन्य निर्देशों को प्राप्त करने और कार्यान्वित करने के लिए उपयोग किया जाता है। कंप्यूटर विभिन्न कंपोनेंट्स (हार्डवेयर) जैसे कि प्रोसेसर, मेमोरी, संगणक, स्टोरेज डिवाइस, इनपुट डिवाइस, आउटपुट डिवाइस आदि से मिलकर बना होता है और इन कंपोनेंट्स को संचालित करने वाला सॉफ्टवेयर उपयोग करता है। कंप्यूटर विज्ञान का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है और आधुनिक दुनिया में व्यापक रूप से उपयोग होता है।
Question. 8. What is computer?
Answer:
A computer is an electronic device used to calculate, store, process data, retrieve and share information, and receive and execute instructions. Computer is made up of various components (hardware) such as processor, memory, computer, storage device, input device, output device etc. and uses software to operate these components. Computer science is an important field and is widely used in the modern world.

Question. 9. ब्राउज़र एक कैसा सॉफ्टवेयर है?
Answer:
ब्राउज़र एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जिसका उपयोग इंटरनेट पर वेबसाइटों को देखने और उनके साथ इंटरैक्ट करने के लिए किया जाता है।
Question. 9. What kind of software is a browser?
Answer:
A browser is software used to view and interact with websites on the Internet.

Question. 10. CSS का काम क्या होता है, बताओ?
Answer:
CSS (Cascading Style Sheets) एक वेब पेज के दृश्य और स्टाइल को संचालित करने के लिए उपयोग होता है। इसका उपयोग वेबसाइटों के रूपांतरण, डिजाइन, और प्रदर्शन में बदलाव करने के लिए किया जाता है। CSS वेब पेज के विभिन्न तत्वों (जैसे HTML एलिमेंट्स) को स्टाइल देने की सुविधा प्रदान करता है, जिससे पृष्ठ को आकर्षक, संरचित और योग्यताओं से भर दिया जा सकता है। CSS के माध्यम से, आप वेब पेज पर विभिन्न तत्वों के लिए रंग, फ़ॉन्ट, पठन स्टाइल, पृष्ठभूमि, गोलमज़दी, अंतरवाला, ऊंचाई-चौड़ाई, और बहुत कुछ सेट कर सकते हैं। आप सामान्य CSS नियमों को एक CSS फ़ाइल में लिखते हैं और उसे अपने HTML डॉक्यूमेंट से जोड़कर अपने वेब पेज पर स्टाइल लागू कर सकते हैं। यह अनुशासनबद्धता, पुनर्गठन की सुविधा, और पेज लोडिंग के लिए बांध लागत का भी प्रबंधन करने में मदद करता है।
Question. 10. What is the work of CSS, tell me?
Answer:
CSS (Cascading Style Sheets) is used to control the look and style of a web page. It is used to make changes to the conversion, design, and performance of websites. CSS provides the ability to style various elements of a web page (such as HTML elements), making the page attractive, structured, and efficient. With CSS, you can set the color, font, reading style, background, roundness, spacing, height-width, and more for various elements on a web page. You write common CSS rules in a CSS file and link it to your HTML document to apply styles to your web pages. It also helps manage streamlining, ease of reorganization, and dam cost for page loading.

Question. 11. ट्रांसलेटर के नाम बताओ?
Answer:
इंटरप्रिटर (Interpreter): Python, Ruby, JavaScript जैसी भाषाओं के लिए इंटरप्रिटर उपलब्ध होते हैं।
कंपाइलर (Compiler): C, C++, Java, और अन्य कई भाषाओं के लिए कंपाइलर उपलब्ध होते हैं, जो कोड को मशीन भाषा में ट्रांसलेट करते हैं।
ट्रांसपाइलर (Transpiler): TypeScript, Babel जैसे उपकरण कोड को एक भाषा से दूसरी भाषा में ट्रांसलेट करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
एएसेम्बलर (Assembler): एसेंबलर उपकरण लोअर-लेवल भाषा में लिखे गए कोड को मशीन कोड में ट्रांसलेट करते हैं।
Question. 11. Name the translator?
Answer:
Interpreter: Interpreters are available for languages like Python, Ruby, JavaScript.
Compiler: Compilers are available for C, C++, Java, and many other languages, which translate the code into machine language.
Transpiler: Tools like TypeScript, Babel are used to translate code from one language to another.
Assembler: Assembler tools translate code written in a lower-level language into machine code.

Question. 12. Arduino UNO बोर्ड में डिजिटल पिन की कुल संख्या 14 कितनी होती हैं?
Answer:
Arduino UNO बोर्ड में डिजिटल पिन की कुल संख्या 14 होती हैं।
1 और 0 पिन को छोड़कर, 2 से 13 तक के पिन (जिन्हें D2 से D13 के रूप में भी लेखा जा सकता है) डिजिटल पिन होते हैं। ये पिन्स डिजिटल इनपुट या आउटपुट के रूप में प्रोग्रामिंग के लिए उपयोग किए जा सकते हैं।
इसके अलावा, एक Arduino UNO बोर्ड में दो डिजिटल पिन (D0 और D1) सीरियल कम्यूनिकेशन (Serial Communication) के लिए आपके आवश्यकताओं के लिए उपयोग होते हैं।
Question. 12. What is the total number of digital pins in Arduino UNO board 14?
Answer:
The total number of digital pins on the Arduino UNO board are 14.
Except for pins 1 and 0, pins 2 through 13 (which can also be numbered as D2 through D13) are digital pins. These pins can be used for programming as digital inputs or outputs.
In addition, an Arduino UNO board has two digital pins (D0 and D1) for serial communication for your needs.

Question. 13. माइक्रोसॉफ्ट वर्ड की फाइल का एक्सटेंशन क्या होता है?
Answer:
माइक्रोसॉफ्ट वर्ड की फाइल का पहला और पुराना एक्सटेंशन .doc है, जबकि नया एक्सटेंशन .docx है। .doc एक्सटेंशन का उपयोग पुराने संस्करणों के साथ बनाई गई वर्ड फ़ाइल्स के लिए होता है, जबकि .docx एक्सटेंशन नवीनतम संस्करण के साथ बनाई गई वर्ड फ़ाइल्स के लिए होता है। .docx फ़ाइल्स में XML प्रारूप का उपयोग किया जाता है और इसमें अधिक सुरक्षा और नवीनतम सुविधाएं होती हैं।
Question. 13. What is the extension of Microsoft Word file?
Answer:
The first and old extension of Microsoft Word file is .doc, while the new extension is .docx. The .doc extension is used for Word files created with older versions, while the .docx extension is used for Word files created with the latest version. .docx files use the XML format and have more security and the latest features.

Question. 14. सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर में क्या अंतर होता है?
Answer:
सामान्य तौर पर, हार्डवेयर फिजिकल कंपोनेंट्स को रिप्रेजेंट करता है, जबकी सॉफ्टवेयर इंस्ट्रक्शंस और प्रोग्राम्स को रिप्रेजेंट करता है जो हार्डवेयर पर एक्जीक्यूट होते हैं। हार्डवेयर के बिना सॉफ्टवेयर नहीं चल सकता और सॉफ्टवेयर बिना हार्डवेयर के किसी काम का नहीं होता। दोनो ही कंप्यूटर सिस्टम के सही तरह से काम करने के लिए अवश्यक होते हैं।
Question. 14. What is the difference between software and hardware?
Answer:
In general, hardware represents the physical components, while software represents the instructions and programs that execute on the hardware. Software cannot run without hardware and software is of no use without hardware. Both are essential for the proper functioning of the computer system.

Question. 15. मुझे बताओ की पाइथन किसके द्वारा बनाई गई थी?
Answer:
पाइथन को Guido van Rossum नामक एक कंप्यूटर साइंटिस्ट ने विकसित किया था। वर्तमान में पाइथन एक बहुत ही प्रसिद्ध और लोकप्रिय प्रोग्रामिंग भाषा है जिसका उपयोग सॉफ़्टवेयर विकास, डेटा विज़ुअलाइज़ेशन, वेब डेवलपमेंट, मशीन लर्निंग, और बहुत सारे अन्य क्षेत्रों में किया जाता है।
Question. 15. Tell me by whom was Python created?
Answer:
Python was developed by a computer scientist named Guido van Rossum. Presently Python is a very famous and popular programming language which is used in software development, data visualization, web development, machine learning, and many other fields.

Question. 16. Cell क्या है?
Answer:
रो और कॉलम के इंटरसेक्शन प्वाइंट को “सेल” (cell) कहा जाता है। यह टेबलर डेटा संरचना में एक एकल इकाई को प्रतिष्ठित करता है। सेल एक वस्तु को धारण करती है जो टेबल के रूप में ज्ञात होती है, जैसे टेक्स्ट, नंबर, तारीख, फ़ॉर्मूला, या अन्य डेटा प्रकार।
एक स्प्रेडशीट प्रोग्राम (जैसे Microsoft Excel) में, सेल एक स्थान को प्रतिष्ठित करती है जिसमें आप डेटा, फ़ॉर्मूला, फ़ॉर्मेटिंग, या अन्य डेटा प्रकार दर्ज कर सकते हैं। सेल को यूनिक रूप से इंद्रजालिक नाम दिया जाता है, जिसमें कॉलम नंबर और रो नंबर शामिल होते हैं, जैसे “A1” या “C3″। सेल के माध्यम से, आप डेटा को संशोधित, फ़ॉर्मेट किया, और प्रोसेस किया जा सकता है, और इसे बाद में उपयोग किया जा सकता है।
Question. 16. What is Cell?
Answer:
The intersection point of a row and column is called a “cell”. It distinguishes a single entity in a tabular data structure. A cell holds an object known as a table, such as text, number, date, formula, or other data type.
In a spreadsheet program (such as Microsoft Excel), a cell designates a place in which you can enter data, formulas, formatting, or other data types. Cells are given a unique grid name, which includes the column number and row number, such as “A1” or “C3”. Through cells, you data can be modified, formatted, and processed, and it can be used later.

Question. 17. बेसिक HTML पेज के लिए कितने HTML टैग की आवश्यकता है?
Answer:
बेसिक HTML पेज के लिए कम से कम तीन HTML टैग की आवश्यकता होती हैं:
1. <html> टैग: इस टैग के बीच में सभी HTML कोड होता है। यह टैग पेज का शुरुआत करता है और पेज के अंत तक चलता रहता है।
2. <head> टैग: यह टैग पेज के मेटा डेटा, टाइटल, स्क्रिप्ट, स्टाइल शीट्स, और अन्य महत्वपूर्ण तकनीकी जानकारी को संग्रहीत करता है।
3. <body> टैग: इस टैग के बीच में पेज पर दिखाए जाने वाला सामग्री होती है, जैसे टेक्स्ट, छवियाँ, हाइपरलिंक, तालिकाएँ, और अन्य एलिमेंट्स।
यह तीन HTML टैग एक बेसिक HTML पेज के मिनिमल संरचना को बनाने के लिए आवश्यक होते हैं। इनके अलावा आप अन्य टैग्स का उपयोग करके पेज को विस्तारित और रूपांतरित कर सकते हैं।
Question. 17. How many HTML tags are required for a basic HTML page?
Answer:
A basic HTML page requires at least three HTML tags:
1. <html> Tag: This tag contains all the HTML code in between. This tag starts the page and continues till the end of the page.
2. <head> tag: This tag stores the page’s meta data, title, scripts, style sheets, and other important technical information.
3. <body> tag: The middle of this tag is the content to be shown on the page, such as text, images, hyperlinks, tables, and other elements.
These three HTML tags are all that is needed to create the minimal structure of a basic HTML page. Apart from these you can extend and modify the page by using other tags.

Question. 18. कुछ बिल्ट इन फंक्शन के नाम बताएं?
Answer:
यहाँ कुछ प्रमुख बिल्ट-इन (built-in) फ़ंक्शनों के नाम दिए जाते हैं:
1. print() – यह फ़ंक्शन एक मूल्य को दिए गए उपकरण (जैसे की कंसोल या टर्मिनल) पर मुद्रित करने के लिए उपयोग होता है। इसका उपयोग पाठ, नंबर, या अन्य डेटा प्रकार को प्रिंट करने के लिए किया जाता है।
2. len() – यह फ़ंक्शन एक संख्या वापस करता है जो एक सिरीज़े, स्ट्रिंग, या संगठन में मौजूद आइटमों की संख्या को दर्शाता है। उदाहरण के लिए, len(my_list) में my_list संगठन में मौजूद आइटमों की संख्या को दर्शाएगा।
3. input() – यह फ़ंक्शन उपयोगकर्ता से इनपुट (जैसे पाठ) लेने के लिए उपयोग होता है। यह उपयोगकर्ता से कुछ प्रश्न पूछता है और उपयोगकर्ता की द्वारा प्रदान की गई प्रतिक्रिया को वापस करता है।
4. range() – यह फ़ंक्शन एक रेंज (यानी संख्यात्मक सीरीज़ा) को बनाने के लिए उपयोग होता है। इसके द्वारा एक सीरीज़े के लिए एक प्रारंभिक मान, एक अंत मान और एक कदम की गणना सेट की जा सकती है। यह फ़ंक्शन बहुत अधिक उपयोग होता है, जैसे लूप को दोहराने के लिए या एक सीरीज़े पर इंदेक्स के रूप में पहुंच करने के लिए।
यह सिर्फ़ चार प्रमुख बिल्ट-इन फ़ंक्शनों के उदाहरण हैं, और Python में बहुत सारे और विभिन्न बिल्ट-इन फ़ंक्शन्स उपलब्ध हैं।
Question. 18. Name some built in functions?
Answer:
Here are the names of some of the major built-in functions:
1. print() – This function is used to print a value to a given device (such as a console or terminal). It is used to print text, numbers, or other data types.
2. len() – This function returns a number that represents the number of items in a series, string, or array. For example, len(my_list) in my_list will represent the number of items in the organization.
3. input() – This function is used to take input (such as text) from the user. It asks the user some questions and returns the response provided by the user.
4. range() – This function is used to create a range (i.e. numerical series). It lets you set a start value, an end value, and a step count for a series. This function is used a lot, such as to repeat a loop or to access a series as an index.
These are just examples of the four major built-in functions, and there are many more different built-in functions available in Python.

Question. 19. दस कंप्यूटर फोंट्स के नाम बताओ?
Name ten computer fonts?
Answer:
Calibri
Agency FB
Cambria
Bell MT
Arial
Times New Roman
Helvetica
Garamond
Futura
Century Gothic

Question. 20. वेबसाइट डिजाइन के लिए ज्यादातर इस्तेमाल में ली जाने वाली भाषाएं कौनसी हैं?
Answer: 1. HTML/CSS:
HTML (HyperText Markup Language) और CSS (Cascading Style Sheets) वेबसाइट डिजाइन के लिए मूल भाषाएं हैं। ये दोनों भाषाएं वेबसाइट के संरचना और दिखावट को परिभाषित करती हैं।
2. JavaScript: JavaScript एक प्रोग्रामिंग भाषा है जो वेबसाइट में इंटरैक्टिविटी को जोड़ने के लिए इस्तेमाल होती है। यह वेबसाइटों पर एनिमेशन, फॉर्म वैलिडेशन, डाटा प्रसंस्करण और अन्य डायनामिक तत्वों को बनाने के लिए उपयोगी होती है।
3. PHP: PHP (Hypertext Preprocessor) सर्वर-साइड स्क्रिप्टिंग भाषा है जिसे वेब डेवलपमेंट में अधिकतर इस्तेमाल किया जाता है।
4. CSS: CSS (Cascading Style Sheets) वेबसाइट डिजाइन में एक महत्वपूर्ण भाषा है जो तत्वों के रूपरेखा, रंग, फॉन्ट, तालिका, पृष्ठ खाका(page layout,), और तरह-तरह की स्टाइलिंग को परिभाषित करती है।
Question. 20. What are the most commonly used languages for website design?
Answer: 1. HTML/CSS:
HTML (HyperText Markup Language) and CSS (Cascading Style Sheets) are the basic languages for website design. Both these languages define the structure and appearance of the website.
2. JavaScript: JavaScript is a programming language used to add interactivity to a website. It is useful for creating animations, form validation, data processing and other dynamic elements on websites.
3. PHP: PHP (Hypertext Preprocessor) is a server-side scripting language mostly used in web development.
4. CSS: CSS (Cascading Style Sheets) is an important language in website design that defines the layout, colors, fonts, tables, page layout, and other styling of elements.

Question. 21. तीन सेंसर के नाम बताओ?
Answer: 1. प्रोक्सिमिटी सेंसर (Proximity Sensor):
यह सेंसर निकटता की माप करने के लिए उपयोग होता है। यह आपके डिवाइस के आस-पास आदतन वस्तुओं की मौजूदगी को ट्रैक करता है, जैसे कि आप अपने फोन को अपने कान के पास लाते हैं और आपका स्क्रीन ऑटोमेटिकली बंद हो जाता है।
2. जायरोस्कोप सेंसर (Gyroscope Sensor): यह सेंसर डिवाइस की ऊर्ध्वाधर और आयाम गति को मापने के लिए उपयोग होता है। यह ज्यामिति और ओरिएंटेशन डेटा प्रदान करके उपकरणों को एक अवतरण या पथ को ट्रैक करने में मदद करता है। इसका उपयोग गेमिंग, नेविगेशन और वार्चुअल रिएलिटी जैसे ऐप्स और गतिविधियों में किया जाता है।
3. प्रेशर सेंसर (Pressure Sensor): उपकरण के दबाव को मापने के लिए उपयोग होता है। यह वायु दबाव, उच्चाधिकारी की ऊचता, हवा की गति, तापमान आदि को मापने में मदद करता है। यह सेंसर अनेक अनुप्रयोगों में उपयोगी होता है, जैसे वेदनीय इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, मॉबाइल फोन, टैबलेट, नवीनतम उपकरणों में दबाव-संबंधी फंक्शन को सक्रिय करने आदि।
उदाहरण के रूप में, स्मार्टफोन में प्रेशर सेंसर का उपयोग उन एप्लिकेशनों में किया जाता है जो श्वास निगरानी, वेदनीय टच इनपुट, दबाव विश्लेषण आदि के लिए उपयोगी होते हैं। यह सेंसर भी औद्योगिक और मौजूदा प्रौद्योगिकी में भी प्रयोग किया जाता है, जहां दबाव की महत्वपूर्ण मापना आवश्यक होता है।
Question. 21. Name three sensors?
Answer: 1. Proximity Sensor:
This sensor is used to measure proximity. It tracks the presence of habitual objects around your device, such as when you bring your phone to your ear and automatically turns off your screen.
2. Gyroscope Sensor: This sensor is used to measure the vertical and amplitude motion of the device. It helps instruments track a descent or path by providing geometry and orientation data. It is used in apps and activities such as gaming, navigation, and virtual reality.
3. Pressure Sensor: Pressure Sensor is used to measure the pressure of the equipment. It helps in measuring the air pressure, altitude, wind speed, temperature etc. This sensor is useful in many applications, such as sensitive electronic devices, mobile phones, tablets, activating pressure-related functions in latest devices, etc.
As an example, pressure sensors in smartphones are used in applications that are useful for breathing monitoring, sensitive touch input, pressure analysis, etc. This sensor is also used in industrial and current technology, where critical measurement of pressure is required.

Question. 22. 10 इनपुट डिवाइस के नाम बताओ?
Answer:
यहां कुछ इनपुट डिवाइस के नाम दिए जा रहे हैं:
1. कीबोर्ड
2. माउस
3. टचपैड
4. जॉयस्टिक
5. गेमपैड
6. ट्रैकबॉल
7. स्कैनर
8. डिजिटाइजर
9. टचस्क्रीन
10. माइक्रोफोन
ये कुछ आम उदाहरण हैं, जो लोग अपने कंप्यूटर या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के साथ इनपुट के रूप में इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा भी अन्य इनपुट डिवाइस जैसे पेन टेबलेट, बायोमेट्रिक स्कैनर, वेबकैम, जिरोग्राफ, डिजिटल ग्लोव, और इत्यादि भी हो सकते हैं।
Question. 22. Name 10 input devices?
Answer:
Here are the names of some input devices:
1. keyboard
2. mouse
3. touchpad
4. joystick
5. gamepad
6. trackball
7. scanner
8. digitizer
9. Touch Screen
10. microphone
These are some common examples of what people use as inputs with their computers or electronic devices. There may also be other input devices such as pen tablet, biometric scanner, webcam, gyrograph, digital glove, and so on.

Question. 23. प्रोटोकॉल क्या होता है?
Answer:
प्रोटोकॉल (Protocol) एक संगठित नियमों का समूह होता है जो दो या अधिक उपकरणों या सिस्टमों के बीच संचार करने के लिए निर्धारित किए गए होते हैं। प्रोटोकॉल संचार प्रोसेस में आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए संगठित और मान्य निर्देशों का एक सेट होता है।
इंटरनेट प्रोटोकॉल (Internet Protocol) विशेष रूप से इंटरनेट और अन्य नेटवर्कों के लिए उपयोग होने वाले प्रोटोकॉल का संग्रह है। इंटरनेट प्रोटोकॉल सिस्टम इंटरनेट पर डेटा प्रेषित करने और प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रोटोकॉलों का उपयोग करता है, जिनमें शामिल होते हैं:
1. Internet Protocol (IP): इंटरनेट पर नेटवर्क के बीच डेटा पैकेटों को पठाने और प्राप्त करने के लिए उपयोग होता है।
2. Transmission Control Protocol (TCP): स्थापित संचार को निर्देशित करने और डेटा को विश्लेषणपूर्वक आदान-प्रदान करने के लिए उपयोग होता है।
3. Hypertext Transfer Protocol (HTTP): वेब पेज्स को अपने सर्वर से यूजर के ब्राउज़र तक ले जाने और वापस लाने के लिए उपयोग होता है।
4. File Transfer Protocol (FTP): फ़ाइलें एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम में अद्यतन करने और संचारित करने के लिए उपयोग होता है।
5. Simple Mail Transfer Protocol (SMTP): ईमेल के लिए संदेशों को भेजने और प्राप्त करने के लिए उपयोग होता है।
6. Domain Name System (DNS): वेबसाइटों के नामों को इंटरनेट पर आईपी पतों में बदलने के लिए उपयोग होता है।
ये केवल कुछ प्रमुख प्रोटोकॉल हैं, जो इंटरनेट और नेटवर्क संचार में उपयोग होते हैं। इन प्रोटोकॉलों के साथ, अन्य भी प्रोटोकॉल जैसे POP (Post Office Protocol), IMAP (Internet Message Access Protocol), DHCP (Dynamic Host Configuration Protocol), और SNMP (Simple Network Management Protocol) भी हैं जो विभिन्न नेटवर्क कार्यों के लिए उपयोग होते हैं।
Question. 23. What is protocol?
Answer:
A protocol is an organized set of rules that are set for communication between two or more devices or systems. A protocol is a set of organized and valid instructions to meet the requirements in a communication process.
Internet Protocol is a collection of protocols used specifically for the Internet and other networks. The Internet Protocol System uses a variety of protocols to transmit and receive data over the Internet, including:
1. Internet Protocol (IP): Used to send and receive data packets between networks on the Internet.
2. Transmission Control Protocol (TCP): Used to guide established communication and exchange data analytically.
3. Hypertext Transfer Protocol (HTTP): Used to transfer web pages from your server to the user’s browser and back.
4. File Transfer Protocol (FTP): Used to update and transmit files from one system to another.
5. Simple Mail Transfer Protocol (SMTP): Used for sending and receiving messages for email.
6. Domain Name System (DNS): Used to translate website names to IP addresses on the Internet.
These are only some of the major protocols used in Internet and network communication. Along with these protocols, there are other protocols like POP (Post Office Protocol), IMAP (Internet Message Access Protocol), DHCP (Dynamic Host Configuration Protocol), and SNMP (Simple Network Management Protocol) which are used for various network functions. Are.

Question. 24. IOT, IIOT, और WoT के फुल फॉर्म क्या होते है?
Answer: 1. IoT: इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (Internet of Things) –
यह एक प्रौद्योगिकी है जिसमें विभिन्न डिजिटल उपकरण, संगठन, या सामानों को इंटरनेट से जुड़ा जाता है, जिससे उन्हें संचार करने, डेटा साझा करने, और स्वचालित रूप से कार्रवाई करने की क्षमता प्राप्त होती है।
2. IIoT: इंडस्ट्रियल इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (Industrial Internet of Things) – यह एक उपकरणों, सेंसरों, नेटवर्क, और आँकड़ों का एक संगठनात्मक प्रणाली है जो व्यावसायिक उद्योगों में उपयोग होती है। IIoT का उपयोग उद्योग 4.0, स्मार्ट फैक्ट्री, और सामरिक नेटवर्क समेत व्यावसायिक उद्योगों को सक्षम, उच्च कारगर और संचालनात्मक बनाने के लिए किया जाता है।
3. WoT: वेब ऑफ़ थिंग्स (Web of Things) – यह एक तकनीकी प्रोटोकॉल और एक समकक्ष प्रौद्योगिकी है जिसका उपयोग अवयवों, सेंसरों, उपकरणों, और वेब सेवाओं को इंटरनेट पर एकीकृत करने के लिए किया जाता है। WoT के माध्यम से, उपयोगकर्ता इंटरनेट ब्राउज़र का उपयोग करके अपने उपकरणों को नियंत्रित कर, डेटा का प्रकार, और विभिन्न सेवाओं और उपकरणों के बीच संचार स्थापित कर सकते हैं।
Question. 24. What are the full forms of IOT, IIOT, and WoT?
Answer: 1. IoT: Internet of Things –
It is a technology in which various digital devices, organizations, or goods are connected to the Internet, giving them the ability to communicate, share data, and take actions automatically. Is.
2. IIoT: Industrial Internet of Things – It is an organizational system of devices, sensors, networks, and data used in commercial industries. IIoT is used to enable, high efficiency, and operationalize business industries including Industry 4.0, smart factories, and strategic networks.
3. WoT: Web of Things – It is a technical protocol and a peering technology used to integrate components, sensors, devices, and web services over the Internet. Through WoT, users can control their devices using an Internet browser, access data, and establish communication between different services and devices.

Question. 25. डाटा टाइप क्या है?
Answer:
डेटा टाइप (Data Type) डेटा की प्रकृति और प्रकार को निर्दिष्ट करता है। यह बताता है कि डेटा किस प्रकार का है, कैसे संग्रहीत किया जाता है और किस प्रकार के ऑपरेशन और गणनाओं को इस पर लागू किया जा सकता है। Python में विभिन्न डेटा टाइप्स होते हैं, जैसे:
1. int (integer): पूर्णांकों को प्रदर्शित करने के लिए होता है, जैसे 1, 2, -3, 100, आदि।
2. float: दशमलव संख्याओं को प्रदर्शित करने के लिए होता है, जैसे 3.14, 2.5, -0.75, आदि।
3. str (string): टेक्स्ट या पाठ को प्रदर्शित करने के लिए होता है, जैसे “Hello”, “Python”, “OpenAI”, आदि।
4. bool (boolean): सत्य (True) और असत्य (False) को प्रदर्शित करने के लिए होता है, जैसे True, False।
5. list: वस्तुओं की सूची को प्रदर्शित करने के लिए होता है, जिसमें विभिन्न डेटा टाइप्स के ऑब्जेक्ट हो सकते हैं।
6. tuple: वस्तुओं की गोपनीयता वाली सूची को प्रदर्शित करने के लिए होता है, जिसमें विभिन्न डेटा टाइप्स के ऑब्जेक्ट हो सकते हैं।
7. dict (dictionary): कुंजी-मान संबंधित डेटा को प्रदर्शित करने के लिए होता है, जहाँ प्रत्येक आइटम एक कुंजी और उसके मान के संबंध में होता है।
NumPy भी अपने विशेष डेटा टाइप्स प्रदान करता है, जैसे numpy.int32, numpy.float64, numpy.bool, आदि, जो NumPy arrays के लिए विशेष उपयोग में लाए जाते हैं।
यहां सूचीत डेटा टाइप्स केवल एक छोटा उदाहरण हैं, और Python में और भी बहुत सारे डेटा टाइप्स मौजूद होते हैं।
Question. 25. What is data type?
Answer:
Data Type specifies the nature and type of data. It describes what type of data is, how it is stored and what kind of operations and calculations can be applied on it. There are various data types in Python, such as:
1. int (integer): is used to represent integers, such as 1, 2, -3, 100, etc.
2. float: Used to represent decimal numbers, such as 3.14, 2.5, -0.75, etc.
3. str (string): contains the text or text to be displayed, such as “Hello”, “Python”, “OpenAI”, etc.
4. bool (boolean): is used to represent True and False, eg True, False.
5. list: is used to display a list of objects, which can contain objects of different data types.
6. tuple: is used to represent a private list of objects, which can contain objects of different data types.
7. dict (dictionary): represents key-value related data, where each item is related to a key and its value.
NumPy also provides its own special data types, such as numpy.int32, numpy.float64, numpy.bool, etc., which are of special use for NumPy arrays.
The data types listed here are just a small example, and there are many more data types available in Python.

Question. 26. प्रेजेंटेशन बनाने के लिए किस सॉफ्टवेयर का प्रयोग करते है?
Answer:
प्रेजेंटेशन बनाने के लिए दो प्रमुख सॉफ्टवेयर हैं: Microsoft PowerPoint और LibreOffice Impress. ये दोनों सॉफ्टवेयर पैकेज आपको उच्च-स्तरीय प्रेजेंटेशन बनाने की सुविधा प्रदान करते हैं और आपको विभिन्न साधारित और विशेषताओं का लाभ उठाने में मदद करते हैं।
1. Microsoft PowerPoint:
Microsoft PowerPoint Microsoft Office सॉफ्टवेयर सुइट का एक हिस्सा है और यह Windows और Mac ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए उपलब्ध है। PowerPoint उपयोगकर्ताओं को एक शक्तिशाली और युक्तिसंगत प्रेजेंटेशन बनाने की सुविधा प्रदान करता है। यह बनाने, संपादित करने और प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न स्लाइड लेआउट, छवि, ग्राफिक्स, वीडियो, ऑडियो, टेक्स्ट और अन्य तत्वों का समर्थन करता है। PowerPoint में आप विभिन्न टेम्पलेट, ट्रांजिशन और एनीमेशन इफेक्ट्स का उपयोग कर सकते हैं ताकि आपके प्रेजेंटेशन को दृश्यशास्त्रीय और रोचक बनाने में मदद मिले।
2. LibreOffice Impress:
LibreOffice Impress एक मुक्त और खुला स्रोत सॉफ्टवेयर है जो LibreOffice सॉफ्टवेयर सुइट का हिस्सा है। यह Windows, Mac और Linux जैसे विभिन्न ऑपरेटिंग सिस्टम पर उपयोग के लिए उपलब्ध है। Impress प्रेजेंटेशन बनाने के लिए एक पूर्ण-लक्ष्य सॉफ्टवेयर है जिसमें आपको स्लाइड बनाने, टेक्स्ट, छवि, ग्राफिक्स, वीडियो, ऑडियो, ट्रांजिशन और इफेक्ट्स को संपादित करने के लिए विभिन्न उपकरण मिलते हैं। Impress में आप एकल और संयुक्त संपादन, साझा संग्रह, और विभिन्न फ़ाइल प्रारूपों का समर्थन प्राप्त करते हैं।
ये दोनों सॉफ्टवेयर प्रयोगकर्ता को प्रेजेंटेशन बनाने के लिए सुरक्षित, पेशेवर और आकर्षक उपकरण प्रदान करते हैं। आप अपनी आवश्यकताओं, पसंद और उपयोगिता के आधार पर किसी भी सॉफ्टवेयर का चयन कर सकते हैं।
Question. 26. Which software is used to make presentation?
Answer:
There are two major software for creating presentations: Microsoft PowerPoint and LibreOffice Impress. Both these software packages allow you to create high-end presentations and help you take advantage of various functionalities and features.
1. Microsoft PowerPoint:
Microsoft PowerPoint is a part of the Microsoft Office software suite and is available for Windows and Mac operating systems. PowerPoint provides users with the facility to create a powerful and flexible presentation. It supports various slide layouts, image, graphics, video, audio, text and other elements to create, edit and display. You can use a variety of templates, transitions, and animation effects in PowerPoint to help make your presentation visually appealing and interesting.
2. LibreOffice Impress:
LibreOffice Impress is a free and open source software that is part of the LibreOffice software suite. It is available for use on various operating systems such as Windows, Mac and Linux. Impress is an all-purpose software for creating presentations in which you get various tools to create slides, edit text, images, graphics, video, audio, transitions and effects. In Impress you get single and joint editing, shared storage, and support for a variety of file formats.
Both these software provide users with secure, professional and attractive tools to create presentations. You can select any software based on your requirements, preference and utility.

Question. 27. IOT की परिभाषा बताओ?
Answer:
IOT, यानी “इंटरनेट ऑफ थिंग्स” (Internet of Things), एक तकनीकी और सांख्यिकीय परिभाषा है जिसका मतलब होता है विभिन्न वस्तुओं, संयोजनों, डिवाइसों और अन्य जीवन्त वस्तुओं को इंटरनेट से जोड़ना और उन्हें डिजिटल रूप से संचालित और संयोजित करना है। IOT की मुख्य विशेषता यह है कि यह वस्तुओं को अपनी आपत्तियों, डेटा संकलन, संचालन और संचालन करने की क्षमता प्रदान करता है, जिससे वे संयोजित हो जाती हैं और इंटरनेट के माध्यम से डेटा साझा कर सकती हैं।
IOT तकनीकी और नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से वस्तुओं को संचालित करने की क्षमता प्रदान करता है, जिन्हें सेंसर्स, एक्टुएटर्स और नेटवर्क कनेक्टिविटी के साथ लगाया जाता है। इसके माध्यम से, इंटरनेट ऑफ थिंग्स उपकरण, सिस्टम और सेवाओं को डेटा को संकलित, विश्लेषित और साझा करने, गतिशीलता और संचालन द्वारा नए उपयोग मॉडल और सेवा मॉडल विकसित करने की क्षमता प्रदान करता है।
आमतौर पर, IOT के माध्यम से वस्तुओं को आपस में कनेक्ट करने के लिए वायरलेस नेटवर्क तकनीक (जैसे कि Wi-Fi, ब्लूटूथ, जीपीएस) का उपयोग किया जाता है, जिससे उपयोगकर्ता इन वस्तुओं को समारोही ढंग से नियंत्रित कर सकता है और उनसे डेटा एकत्रित कर सकता है। IOT का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में होता है, जैसे स्मार्ट होम, स्वास्थ्य देखभाल, संचार, विनिर्माण, पर्यटन, वाणिज्यिक उपयोग और बहुत कुछ।
Question. 27. Tell the definition of IOT?
Answer:
IOT, i.e. “Internet of Things”, is a technical and statistical definition that refers to the connection of various objects, combinations, devices and other living things to the Internet and to operate and combine them digitally. The main feature of IoT is that it provides objects with the ability to interact, collect, operate and manage their own objects, so that they can be connected and share data through the Internet.
IoT provides the ability to operate objects through technology and network infrastructure, which are fitted with sensors, actuators, and network connectivity. Through this, the Internet of Things provides devices, systems and services with the ability to develop new use models and service models by collecting, analyzing and sharing data, mobility and operations.
Typically, wireless network technologies (such as Wi-Fi, Bluetooth, GPS) are used to interconnect objects via IoT, allowing users to functionally control these objects and receive data from them. can collect. IoT is used in various fields, such as smart home, health care, communication, manufacturing, tourism, commercial use and many more.

Question. 28. सेंसर क्या होता है?
Answer:
सेंसर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता है जो वातावरण से जानकारी या डेटा को देखता है, पकड़ता है या मापता है और उसे विशिष्ट सिग्नल में परिवर्तित करता है। यह सिग्नल उसे एक नियंत्रण सिस्टम, युक्ति या मानचित्रण उपकरण के रूप में प्रदर्शित करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
सेंसर वातावरणीय परिवर्तनों को ग्रहण करने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग करता है। यह तकनीक उपयोगकर्ता को वातावरण में हो रहे परिवर्तनों के बारे में जानकारी प्रदान करती है और उसको सांख्यिकीय या विज्ञानात्मक विश्लेषण के लिए बाहरी सिस्टम को भेजती है।
उदाहरण के रूप में, एक तापमान सेंसर तापमान को मापता है और उसे एक विधुत सिग्नल में परिवर्तित करता है जिसे एक तापमान मापक या तापमान मीटर द्वारा पढ़ा जा सकता है। इसी तरह, एक दाब सेंसर दाब को मापता है और उसे उपयुक्त सिग्नल में परिवर्तित करता है जो किसी डिस्प्ले पर दिखाई जा सकता है।
सेंसर तकनीक विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग होती है, जैसे उद्योग, निर्माण, आपूर्ति श्रृंखला, स्वास्थ्य देखभाल, वाहन, और स्मार्ट होम। यह उपकरण अधिकतर IOT उपयोग मामलों में भी शामिल होते हैं, जहां वे वातावरणीय डेटा को एकत्र करके उसे एक संगठित और उपयोगी तरीके से संचालित करने में मदद करते हैं।
Question. 28. What is a sensor?
Answer:
A sensor is an electronic device that perceives, captures, or measures information or data from the environment and converts it into a specific signal. This signal can be used to represent it as a control system, device or mapping device.
Sensors use a variety of techniques to capture atmospheric changes. This technology provides the user with information about changes in the environment and sends it to an external system for statistical or scientific analysis.
As an example, a temperature sensor measures temperature and converts it into an electrical signal that can be read by a thermometer or temperature meter. Similarly, a pressure sensor measures pressure and converts it into a suitable signal that can be shown on a display.
Sensor technology finds application in a variety of fields, such as industry, manufacturing, supply chain, health care, vehicles, and the smart home. These devices are also involved in most IoT use cases, where they help collect and manipulate environmental data in an organized and useful manner.

Question. 29. Actuator क्या होता है?
Answer:
एक्टुएटर एक उपकरण होता है जो किसी नियंत्रण सिग्नल को मेकेनिकल गतिशीलता में परिवर्तित करता है। यह उपकरण कोई विशेष कार्य करने के लिए तंत्र, मेकेनिकल यंत्र, पंप, वाल्व, एंटेना आदि को संचालित करने के लिए उपयोग होता है।
एक्टुएटर्स कई विभिन्न प्रकार के होते हैं और वे विभिन्न ऊर्जा स्रोतों पर आधारित हो सकते हैं। कुछ प्रमुख एक्टुएटर्स की उदाहरण निम्नलिखित हैं:
1. विद्युतीय एक्टुएटर्स: इलेक्ट्रिक एक्टुएटर्स विद्युत संचालित होते हैं और विभिन्न गतिशील यंत्रों को नियंत्रित करने के लिए उपयोग होते हैं।
2. हाइड्रोलिक और न्यूमेटिक एक्टुएटर्स: ये एक्टुएटर्स तरल दबाव का उपयोग करते हैं और उच्च या निम्न दबाव वाले प्रक्रियाओं को नियंत्रित करने के लिए उपयोग होते हैं।
3. थर्मल एक्टुएटर्स: थर्मल एक्टुएटर्स तापमान परिवर्तन का उपयोग करते हैं और उन्हें नियंत्रित करने के लिए ऊर्जा का उपयोग करते हैं। ये आमतौर पर बिजली या उच्च तापमान उपयोग करते हैं।
एक्टुएटर्स का उपयोग विभिन्न उद्योगों में होता है, जैसे विनिर्माण, ऑटोमोटिव, स्थानिक परिवहन, विमानन, नौसेना, रोबोटिक्स, और अन्य संयंत्रों में। ये उपकरण सिस्टम को नियंत्रित करने और विभिन्न कार्यों को संचालित करने में मदद करते हैं।
Question. 29. What is Actuator?
Answer:
An actuator is a device that converts a control signal into mechanical movement. This device is used to operate mechanisms, mechanical devices, pumps, valves, antennas, etc. to perform a specific task.
There are many different types of actuators and they can be based on different power sources. Following are examples of some of the major actuators:
1. Electric actuators: Electric actuators are electrically operated and are used to control various moving devices.
2. Hydraulic and pneumatic actuators: These actuators use fluid pressure and are used to control processes with high or low pressure.
3. Thermal Actuators: Thermal actuators use temperature changes and energy to control them. These usually use electricity or high temperatures.
Actuators are used in a variety of industries, such as manufacturing, automotive, space transportation, aviation, naval, robotics, and other plants. These devices help to control the system and operate various functions.

Question. 30. Internet क्या है?
Answer:
इंटरनेट एक वैश्विक संचार नेटवर्क है जो कई नेटवर्कों को एकत्रित करता है और उन्हें एक साथ संचालित करने की अनुमति देता है। यह विभिन्न नेटवर्कों को एकत्रित करके संचार करने की तकनीक है, जो सभी कंप्यूटरों और संचार उपकरणों को एक-दूसरे से जोड़ती है।
इंटरनेट इंटरनेट प्रोटोकॉल (TCP/IP) का उपयोग करता है, जो डेटा को पैकेटों में विभाजित करके इंटरनेट के माध्यम से उपयोगकर्ता तक पहुंचाता है। यह नेटवर्क इंटरफेस, सर्वर, राउटर, मोडेम, और अन्य नेटवर्क उपकरणों के माध्यम से उपयोगकर्ताओं को अन्य उपयोगकर्ताओं और संसाधनों से जोड़ता है।
इंटरनेट के माध्यम से, उपयोगकर्ता विभिन्न सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं, जैसे ईमेल, वेब संचार, ऑनलाइन संचार, सामाजिक मीडिया, वीडियो कॉल, ऑनलाइन खरीदारी, ऑनलाइन बैंकिंग, खोज, ज्ञान प्राप्ति, और अन्य साझा संसाधनों का उपयोग करके।
इंटरनेट व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है और विश्वस्तरीय संचार, विज्ञान, वाणिज्यिकता, शिक्षा, मनोरंजन, और साझा संसाधनों के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
Question. 30. What is Internet?
Answer:
The Internet is a global communications network that brings together multiple networks and allows them to operate simultaneously. It is the technology of communication by aggregating different networks, which connects all the computers and communication devices to each other.
The Internet uses the Internet Protocol (TCP/IP), which divides data into packets and transmits it to the user through the Internet. It connects users to other users and resources through network interfaces, servers, routers, modems, and other network equipment.
Through the Internet, users can take advantage of various services, such as email, web communication, online communication, social media, video calls, online shopping, online banking, search, knowledge acquisition, and by using other shared resources.
The Internet is widely used and plays an important role in the fields of global communication, science, commerce, education, entertainment, and shared resources.

Question. 31. वेरिएबल क्या होता है?
Answer:
वेरिएबल (Variable) एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में एक नामित स्थान होता है जिसमें डेटा को संग्रहीत किया जाता है। यह एक संग्रहीत मान को प्रतिष्ठित करता है जिसे प्रोग्राम के दौरान उपयोग किया जा सकता है और उसकी मान्यता बदली जा सकती है।
वेरिएबल डेटा को एक विशिष्ट प्रकार के मान (जैसे संख्या, स्ट्रिंग, बूलियन, या ऑब्जेक्ट) के साथ जोड़ा जाता है, जिससे कंप्यूटर प्रोग्राम उसे पहचान सके और उस पर कार्रवाई कर सके। वेरिएबल प्रोग्राम मेमोरी में एक ठेकेदार या रखरखाव विभाग के रूप में रखा जाता है, जिसका उपयोग प्रोग्राम में डेटा को संग्रहीत करने और प्रोसेस करने के लिए किया जाता है।
वेरिएबल प्रोग्रामिंग में महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह प्रोग्राम को एक्सेस करने, इसे बदलने और उसके साथ कार्य करने की अनुमति देता है। प्रोग्राम में वेरिएबल के नाम द्वारा उसे पहचाना जाता है और उसे उपयोग करके डेटा को संशोधित किया जा सकता है, अन्य वेरिएबल के साथ गणना की जा सकती है और उसे इंपोर्ट किए गए कार्यों या अल्गोरिदमों में उपयोग किया जा सकता है।
Question. 31. What is a variable?
Answer:
A variable is a named location in a programming language in which data is stored. It designates a stored value that can be accessed and validated during the course of the program.
Variable data is associated with a specific type of value (such as a number, string, boolean, or object) that a computer program can recognize and act upon. Variables are placed in program memory as a contractor or maintenance department, used to store and process data in the program.
A variable is important in programming because it allows the program to access it, change it, and work with it. A variable is identified by its name in the program and can be used to modify data, perform calculations with other variables, and be used in imported functions or algorithms.

Question. 32. OSI मॉडल में कितनी लेयर होती है?
Answer:
Open Systems Interconnection model (OSI) में कुल सात लेयर होती हैं। ये निम्नलिखित हैं:
1. Physical Layer (भौतिक परत) – यह सबसे निचली लेयर होती है और नेटवर्क के डेटा के प्रत्येक बिट को वायरलेस और तार के माध्यम से भेजती है।
2. Data Link Layer (डेटा संपर्क परत) – यह लेयर भौतिक परत से प्राप्त होने वाले डेटा पर त्रुटियों की जांच और सुधार करती है। इसमें डेटा को फ्रेम के रूप में बाँटा जाता है।
3. Network Layer (नेटवर्क परत) – इस लेयर में नेटवर्क के अंतरभौतिक प्रवाह का प्रबंधन किया जाता है, जिसमें राउटिंग और पैकेट फॉरवर्डिंग के लिए नेटवर्क एड्रेसिंग का उपयोग होता है।
4. Transport Layer (ट्रांसपोर्ट परत) – इस परत में डेटा को सेशन के बीच संचार किया जाता है। यह परत डेटा को सेगमेंट के रूप में विभाजित करती है और प्रोटोकॉलों जैसे TCP (Transmission Control Protocol) और UDP (User Datagram Protocol) को प्रबंधित करती है।
5. Session Layer (सेशन परत) – इस परत में नेटवर्क यात्रा के दौरान सत्रों का प्रबंधन किया जाता है, जिसमें सत्र आरंभ किए जाते हैं, सत्र के बीच संचार होती है और सत्र समाप्त होते हैं।
6. Presentation Layer (प्रस्तुति परत) – इस परत में डेटा को इंटरफेस करने और प्रस्तुत करने के तरीकों का प्रबंधन किया जाता है। यह डेटा को संक्षेपित, एनक्रिप्ट किया जा सकता है और संदेशों को विभिन्न फॉर्मेटों में प्रस्तुत कर सकती है।
7. Application Layer (अनुप्रयोग परत) – इस परत में उच्च स्तरीय अनुप्रयोगों के लिए सेवाएं प्रदान की जाती हैं, जैसे वेब ब्राउज़र, ईमेल क्लाइंट, फ़ाइल ट्रांस्फर प्रोटोकॉल (FTP) आदि। इस परत में उच्च स्तरीय प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाता है जो उपयोगकर्ता अनुप्रयोगों को नेटवर्क से संबद्ध करते हैं। ये सात लेयर OSI मॉडल में होती हैं, जो नेटवर्क कम्यूनिकेशन की अलग-अलग पहलुओं को प्रतिष्ठान देती हैं।
Question. 32. How many layers are there in the OSI model?
Answer:
There are a total of seven layers in the Open Systems Interconnection model (OSI). These are the following:
1. Physical Layer – This is the lowest layer and sends each and every bit of data of the network through wireless and wire.
2. Data Link Layer (Data Link Layer) – This layer checks and corrects errors on the data received from the physical layer. In this, the data is divided into frames.
3. Network Layer – In this layer, the internal flow of the network is managed, in which network addressing is used for routing and packet forwarding.
4. Transport Layer – In this layer, data is communicated between sessions. This layer divides data into segments and manages protocols such as TCP (Transmission Control Protocol) and UDP (User Datagram Protocol).
5. Session Layer – Sessions are managed during network travel in this layer, in which sessions are initiated, communication between sessions takes place and sessions are terminated.
6. Presentation Layer (Presentation Layer) – In this layer the methods of interfacing and presenting the data are managed. It can summarize, encrypt data and present messages in various formats.
7. Application Layer – In this layer services are provided for high level applications, such as web browser, email client, File Transfer Protocol (FTP) etc. Higher level protocols are used in this layer that associate user applications with the network.
These seven layers are in the OSI model, which represent different aspects of network communication.

Question. 33. ऑपरेटर क्या होता है?
Answer:
ऑपरेटर (operator) एक symbol होता है जो किसी विशेष कार्य या ऑपरेशन को प्रकट करने के लिए उपयोग होता है। ये कार्य संख्यात्मक, गणितीय या तार्किक ऑपरेशन हो सकते हैं। इन ऑपरेटर्स के माध्यम से हम एक या अधिक आइटमों को संपादित, तुलना की जांच की जा सकती है, और विभिन्न प्रक्रियाएं की जा सकती हैं।
कुछ उदाहरण ऑपरेटर्स शामिल होते हैं:
– गणितीय ऑपरेटर्स: + (जोड़ने का ऑपरेटर), – (घटाने का ऑपरेटर), * (गुणा करने का ऑपरेटर), / (भाग करने का ऑपरेटर) आदि।
– तुलनात्मक ऑपरेटर्स: = (बराबरी की जांच करने का ऑपरेटर), > (अधिकता की जांच करने का ऑपरेटर), < (कमी की जांच करने का ऑपरेटर) आदि।
– लॉजिकल ऑपरेटर्स: and (और का ऑपरेटर), or (या का ऑपरेटर), not (नहीं का ऑपरेटर) आदि।
ये सिर्फ कुछ उदाहरण हैं, पाइथन में और भी अनेक प्रकार के ऑपरेटर्स होते हैं जो विभिन्न कार्यों को प्रदर्शित करते हैं। ऑपरेटर्स का उपयोग प्रोग्रामिंग में विभिन्न कार्यों को संपादित करने और शर्तों की जांच करने के लिए किया जाता है।
Question. 33. What is an operator?
Answer:
An operator is a symbol used to represent a particular function or operation. These functions can be numerical, mathematical or logical operations. Through these operators we can edit one or more items, compare, check, and perform various operations.
Some example operators include:
– Mathematical operators: + (Addition operator), – (Subtraction operator), * (Multiplication operator), / (Division operator) etc.
– Comparison Operators: = (Operator to check equality), > (Operator to check superiority), < (Operator to check deficiency) etc.
– Logical operators: and (and operator), or (or operator), not (not operator) etc.
These are just a few examples, there are many more operators in Python that perform different functions. Operators are used in programming to perform various operations and to check conditions.

Question. 34. मुझे बताओ की वेबपेज क्या होता है?
Answer:
एक वेब पेज एक HTML (HyperText Markup Language) दस्तावेज़ होता है जो इंटरनेट ब्राउज़र में प्रदर्शित किया जा सकता है। यह एक डॉक्यूमेंट होता है जिसमें विभिन्न एलिमेंट्स (टेक्स्ट, छवियाँ, हाइपरलिंक्स, आदि) को संगठित किया जाता है।
एक वेब पेज इंटरनेट पर उपलब्ध होती है और उपयोगकर्ता द्वारा इंटरनेट ब्राउज़र द्वारा खोली जाती है। जब एक वेब पेज खोली जाती है, ब्राउज़र HTML कोड को पढ़ता है और उसे प्रदर्शित करने के लिए निर्देशों का पालन करता है। यह उपयोगकर्ता को विभिन्न तत्वों को दिखाता है जिन्हें वेब पेज में संपादित किया गया है, जैसे कि टेक्स्ट, छवियाँ, लिंक, बटन, फ़ॉर्म आदि।
वेब पेजों पर आप लिंक पर क्लिक करके अन्य वेब पेजों के साथ नेविगेट कर सकते हैं, और यह इंटरैक्टिव और ज्ञानार्जक अनुभव प्रदान कर सकते हैं। वेब पेजों को अलग-अलग तरीकों से विश्वसनीयता, सुरक्षा और डिज़ाइन के साथ विकसित किया जाता है, जो उपयोगकर्ताओं को अच्छी यात्रा प्रदान करने में मदद करता है।
Question. 34. Tell me what is a webpage?
Answer:
A web page is an HTML (HyperText Markup Language) document that can be displayed in an Internet browser. It is a document in which various elements (text, images, hyperlinks, etc.) are organized.
A web page is available on the Internet and is opened by a user through an Internet browser. When a web page is opened, the browser reads the HTML code and follows instructions to display it. It shows the user various elements that have been edited in the web page, such as text, images, links, buttons, forms, etc.
Web pages allow you to navigate to other Web pages by clicking on links, and this can provide an interactive and informative experience. Web pages are developed in different ways with reliability, security and design in mind, which helps in providing smooth journey to the users.

Question. 35. W3.CSS क्या है?
Answer:
W3.CSS एक सुगम और प्रतिक्रियाशील CSS फ्रेमवर्क है। यह एक उच्च गुणवत्ता वाला और लघु आकार का फ्रेमवर्क है, जिसे वेब डेवलपमेंट के लिए उपयोग किया जा सकता है। यह W3Schools द्वारा विकसित किया गया है और एक ओपन सोर्स परियोजना है।
W3.CSS का उद्देश्य एक आसान और बढ़िया तरीके से वेबसाइटों को तैयार करने को सुनिश्चित करना है। यह एक संवेदनशील फ्रेमवर्क है, जिसे मोबाइल और डेस्कटॉप डिवाइस पर सही रूप से प्रदर्शित किया जा सकता है। W3.CSS में कई ग्रिड सिस्टम, टाइपोग्राफी, बटन, फॉर्म, इमेज गैलरी, और अन्य सामग्री के लिए स्टाइल कक्षाएं और कक्षाएं होती हैं।
W3.CSS का उपयोग करके, वेब डेवलपर आसानी से शॉर्टकोड, क्लासेस, और स्टाइल निर्धारित कर सकता है, जिससे उन्हें बार-बार स्टाइलिंग कोड लिखने की आवश्यकता नहीं होती है। इससे डेवलपमेंट प्रक्रिया को सुगम बनाने में मदद मिलती है और समय की बचत होती है।
Question. 35. What is W3.CSS?
Answer:
W3.CSS is a flexible and responsive CSS framework. It is a high quality and compact framework which can be used for web development. It is developed by W3Schools and is an open source project.
W3.CSS aims to ensure an easy and elegant way to build websites. It is a responsive framework that can be displayed correctly on mobile and desktop devices. W3.CSS contains style classes and classes for many grid systems, typography, buttons, forms, image galleries, and other content.
Using W3.CSS, a web developer can easily define shortcodes, classes, and styles without the need to write styling code over and over again. This helps to streamline the development process and saves time.

Question. 36. Function क्या होता है?
Answer:
एक फ़ंक्शन एक ब्लॉक कोड होता है जिसमें कुछ निर्दिष्ट कार्यों को पूरा करने के लिए संगठित किया जाता है। यह कार्य एक या एक से अधिक पैरामीटर्स के साथ संचालित किया जा सकता है और जब भी आवश्यक हो, उसे पुनः उपयोग किया जा सकता है।
एक फ़ंक्शन को परिभाषित करने के बाद, आप उसे अन्य भागों में कॉल कर सकते हैं जब भी आपको उस कार्य की आवश्यकता होती है। इसका मतलब है कि आप एक बार कोड को लिख सकते हैं और उसे अनंत बार पुनर्गठित कर सकते हैं जब आवश्यकता होती है, जिससे कोड की दोहराव की आवश्यकता नहीं होती है और प्रोग्राम को संगठित और सुलभ बनाने में मदद मिलती है।
फ़ंक्शन कोड को पूरे कार्य के साथ पैकेज करता है और उसे एक नाम दिया जाता है, जिसे प्रोग्राम के अन्य हिस्सों में कॉल किया जा सकता है। यह प्रोग्राम में मोड्यूलरिटी, रीयूज़ेबिलिटी और पढ़ने में सुविधा जोड़ता है।
Question. 36. What is Function?
Answer:
A function is a block of code that is organized to perform some specified task. This function can be operated with one or more parameters and can be reused whenever necessary.
After defining a function, you can call it in other parts whenever you need that function. This means that you can write code once and reorganize it an infinite number of times when needed, thereby eliminating code duplication and helping to keep programs organized and accessible.
The function packages the code with the whole function and is given a name, which can be called in other parts of the program. This adds modularity, reusability and ease of reading to programs.

Question. 37. AngularJS का क्या प्रयोग है, बताओ?
Answer:
AngularJS एक ओपन सोर्स मॉडल-व्यू-कंट्रोलर (MVC) फ्रेमवर्क है जो जावास्क्रिप्ट पर आधारित है। इसका उपयोग वेब एप्लिकेशन के विकास के लिए किया जाता है, जहां एकल पेज एप्लिकेशन्स (Single Page Applications) की जरूरत होती है।
AngularJS के माध्यम से, डेवलपर्स वेब एप्लिकेशन को मॉडल, व्यू, और कंट्रोलर के तीन अलग-अलग भागों में संगठित कर सकते हैं। मॉडल डेटा को प्रबंधित करता है, व्यू उपयोगकर्ता इंटरफेस को प्रदर्शित करता है, और कंट्रोलर डेटा और व्यू के बीच संचालन साधारित करता है।
AngularJS में फीचर्स की एक बड़ी संख्या होती है, जैसे टेम्पलेटिंग, डेटा बाइंडिंग, मॉडल प्रबंधन, यूआई कंपोनेंट्स, डायरेक्टिव्स, और दूसरे एक्सटेंशन्स जो वेब विकास को सुविधाजनक बनाते हैं। इसके अलावा, AngularJS एक कम्प्रेहेंसिव डायनामिक एकोसिस्टम प्रदान करता है जिसमें टेस्टिंग, डेपेंडेंसी इंजेक्शन, राउटिंग, और एनीमेशन जैसे अन्य उपयोगी फीचर्स शामिल हैं।
एंगुलर जेएस एक शक्तिशाली फ्रेमवर्क है जो वेब डेवलपमेंट में मोड्यूलरिटी, एकीकरण, और अच्छी संरचना को सुनिश्चित करने में मदद करता है।
Question. 37. What is the use of AngularJS, tell me?
Answer:
AngularJS is an open source model-view-controller (MVC) framework based on JavaScript. It is used for web application development where single page applications are required.
Through AngularJS, developers can organize web applications into three distinct parts of the model, view, and controller. The model manages the data, the view displays the user interface, and the controller simplifies operations between the data and the view.
AngularJS includes a large number of features, such as templating, data binding, model management, UI components, directives, and other extensions that facilitate web development. In addition, AngularJS provides a comprehensive dynamic ecosystem that includes testing, dependency injection, routing, and animation, among other useful features.
Angular JS is a powerful framework that helps in ensuring modularity, integration, and good architecture in web development.

Question. 38. पाइथन के बारे में आप क्या जानते है?
Answer:
पाइथन वास्तव में एक बहुत ही उपयोगी और लोकप्रिय प्रोग्रामिंग भाषा है। इसका डिज़ाइन सरलता, पढ़ने में आसानी और समझने में सुविधा के माध्यम से किया गया है। यह एक इंटरप्रेटेड भाषा है, जिसका मतलब है कि इसे सीधे मशीन कोड में कंपाइल नहीं किया जाता है, बल्कि इंटरप्रेटर के माध्यम से रन किया जाता है। यह भाषा विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग होती है, जैसे वेब डेवलपमेंट, डेटा साइंस, मशीन लर्निंग, एआई, वेब स्क्रैपिंग, और बहुत कुछ।
पाइथन की संख्या, स्ट्रिंग, लिस्ट, टपल, डिक्शनरी, सेट जैसी बहुत सारी डेटा संरचनाएं होती हैं। यह एक ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड भाषा है, जिसका मतलब है कि सभी डेटा और फंक्शन संबंधित ऑब्जेक्ट में होते हैं। पाइथन में क्लासेज, इंहेरिटेंस, पॉलिमॉर्फिज़म, एनकैप्सुलेशन जैसे ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड प्रिंसिपल्स भी होते हैं।
इसके अलावा, पाइथन में एक विशेषता है जो इंद्रजालिक (इंटरैक्टिव) प्रोग्रामिंग को सुविधाजनक बनाती है। आप पाइथन इंटरप्रेटर के माध्यम से लाइव कोड चला सकते हैं, जिससे आप कोड के परिणाम को तुरंत देख सकते हैं। इससे डेवलपमेंट प्रोसेस में प्रभावीता बढ़ती है और छोटे प्रोटोटाइप बनाने में मदद मिलती है।
पाइथन का संकलन आवश्यकता नहीं होती है, इसलिए इसे पोर्टेबल भाषा भी कहा जाता है। यह विभिन्न प्लेटफॉर्मों (जैसे Windows, macOS, Linux) पर काम कर सकती है और विभिन्न डेवलपमेंट उपयोगकर्ताओं के बीच पोर्टेबिलिटी प्रदान करती है।
पाइथन के लिए कई पॉपुलर लाइब्रेरी और टूल्स उपलब्ध हैं, जो काम को आसान बनाने में मदद करते हैं। कुछ प्रमुख उदाहरण हैं: NumPy (वैज्ञानिक और अभियांत्रिक गणित), pandas (डेटा विश्लेषण और मेनिपुलेशन), Matplotlib (डेटा विज़ुअलाइज़ेशन), scikit-learn (मशीन लर्निंग), Django (वेब डेवलपमेंट), और TensorFlow (मशीन लर्निंग और एनकैप्सुलेशन)।
Question. 38. What do you know about Python?
Answer:
Python is actually a very useful and popular programming language. It is designed through simplicity, ease of reading and ease of understanding. It is an interpreted language, which means that it is not compiled directly into machine code, but is run through an interpreter. This language is used in various fields, such as web development, data science, machine learning, AI, web scraping, and many more.
Python has many data structures like number, string, list, tuple, dictionary, set. It is an object-oriented language, which means that all the data and functions are held in the respective objects. Python also has object-oriented principles like classes, inheritance, polymorphism, encapsulation.
In addition, Python has a feature that facilitates interactive (interactive) programming. You can run live code through the Python interpreter, so you can see the result of the code right away. This increases efficiency in the development process and allows for smaller prototypes.
Python does not require compilation, so it is also called a portable language. It can work on different platforms (eg Windows, macOS, Linux) and provides portability among different development users.
There are many popular libraries and tools available for Python, which help in making the job easier. Some prominent examples are: NumPy (scientific and engineering mathematics), pandas (data analysis and manipulation), Matplotlib (data visualization), scikit-learn (machine learning), Django (web development), and TensorFlow (machine learning and encapsulation).

Question. 39. IOT के लाभ बताओ?
Answer:
आईओटी (IoT) तकनीक से कई लाभ हो सकते हैं, जो इसे व्यापक रूप से उपयोगी बनाते हैं। यहां कुछ मुख्य लाभ हैं:
1. सुगम पहुंच (Easy Accessibility): आईओटी के माध्यम से डिवाइस और संगठनिक जगहों को सहजता से एक दूसरे से कनेक्ट किया जा सकता है। इससे दूरस्थ डिवाइस को नियंत्रित और मॉनिटर करने में आसानी होती है।
2. समय बचाव (Time Saving): आईओटी के माध्यम से विभिन्न कार्यों को स्वचालित और निरंतर रूप से किया जा सकता है, जिससे समय बचाया जा सकता है। इससे कार्य प्रदर्शन की गति बढ़ती है और मानवीय त्रुटियों की कमी होती है।
3. डेटा कैलकुलेशन (Data Calculation): आईओटी द्वारा संकलित डेटा को व्यवस्थित और विश्लेषित किया जा सकता है। यह डेटा विज्ञान, मशीन लर्निंग और पूर्वानुमान आदि के लिए महत्वपूर्ण होता है और नए अनुकूल उपयोगों को खोजने में मदद करता है।
4. स्वचालन और गति (Automation and Speed): आईओटी द्वारा संगठनिक प्रक्रियाओं को स्वचालित किया जा सकता है और कार्यों की गति को बढ़ा सकता है। यह अनुकूलन, ऑटोमेशन और प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद करता है।
हालांकि, आईओटी के साथ कुछ हानियाँ भी हो सकती हैं, जैसे:
1. सुरक्षा (Security):
आईओटी डिवाइसों की सुरक्षा की चुनौतियों के साथ आती है, जिसका उपयोगकर्ताओं को ध्यान देना चाहिए। हैकिंग और अनधिकृत उपयोग के खिलाफ सुरक्षा के प्रतिबंध बनाए रखने के लिए सुरक्षा प्रथाएं अपडेट की जानी चाहिए।
2. गोपनीयता (Privacy): आईओटी द्वारा उपलब्ध किए जाने वाले बड़े डेटा माउंट को संगठित करने और व्यापारिक उपयोग के लिए उपयोग किया जा सकता है, जो गोपनीयता के मामलों को उठा सकता है। इसे संरक्षित रखने के लिए उपयोगकर्ताओं को गोपनीयता नीतियों और संरक्षा के प्रतिबंधों का पालन करना चाहिए।
3. जटिलता (Complexity): आईओटी शामिल डिवाइस, संगठनिक व्यवस्थाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर के विपणन और प्रबंधन को जटिल बना सकता है। नए प्रणालियों, कौशल और धोखाधड़ी को संभालने की आवश्यकता होती है।
4. नौकरियाँ की कमी और संगठनात्मक बदलाव (Job Loss and Organizational Changes): आईओटी के अपने व्यापार और उपकरणों के तात्पर्य से कुछ पदों की कमी और संगठनात्मक परिवर्तन का कारण बन सकता है। यह नए कौशल और प्रशिक्षण की मांग उत्पन्न कर सकता है।
5. संगठनतांत्रिकता (Compatibility): आईओटी में उपयोग होने वाले विभिन्न डिवाइस, प्लेटफ़ॉर्म और प्रोटोकॉल के बीच संगठनतांत्रिकता की चुनौतियां हो सकती हैं। नवीनतम संगतता मानकों के पालन करने और संगठनात्मक योजनाओं को समायोजित करने की आवश्यकता होती है। इन सभी मामलों पर ध्यान देने के बावजूद, आईओटी से नए उपयोग, प्रदर्शन और तकनीकी संभावनाएं खोलती है और कई क्षेत्रों में लाभदायक साबित हो सकती है।
Question. 39. Tell the benefits of IOT?
Answer:
IoT technology can have many benefits, which make it widely useful. Here are some of the main benefits:
1. Easy Accessibility: Devices and organizational locations can be easily connected to each other through IoT. This makes it easy to control and monitor remote devices.
2. Time Saving: Various tasks can be performed automatically and continuously through IoT, thereby saving time. This increases the speed of work performance and reduces human errors.
3. Data Calculation: The data collected by IoT can be organized and analyzed. This is important for data science, machine learning and forecasting etc. and helps in finding new adaptive uses.
4. Automation and Speed: IoT can automate organizational processes and increase the speed of operations. It helps in optimization, automation and improving performance.
However, there can be some disadvantages with IoT, such as:
1. Security:
IoT devices come with security challenges that users must pay attention to. Security practices must be updated to maintain restrictions to safeguard against hacking and unauthorized access.
2. Privacy: The large data mounts made available by IoT can be organized and used for business use, which may raise privacy issues. Users must comply with privacy policies and security restrictions to protect it.
3. Complexity: IoT can complicate the marketing and management of the devices, organizational systems, and infrastructure involved. New systems, skills and handling of fraud are required.
4. Job Loss and Organizational Changes: IoT may lead to job losses and organizational changes due to its business and equipment implications. This can generate demand for new skills and training.
5. Compatibility: There can be challenges of compatibility between different devices, platforms and protocols used in IoT. Organizational plans need to comply with the latest compatibility standards and adjust. Despite all these issues being addressed, IoT opens up new usage, performance and technological possibilities and can prove to be beneficial in many areas.

Question. 40. HTML का फुल फॉर्म क्या होता है?
Answer:
HTML का फुल फॉर्म होता है “HyperText Markup Language”।
Question. 40. What is the full form of HTML?
Answer:
The full form of HTML is “HyperText Markup Language”.


तो बताओ फिर!

अब आपको इतना तो मालूम हो गया न की O Level Viva Questions कैसे पूछे जाते है।

अब जल्दी से इस आर्टिकल के लिंक को अपने उन दोस्तों👭🧑‍🤝‍🧑 को शेयर करो जो आपका बहुत ख्याल🤝 रखते है और इस समय ओ लेवल के वायवा की तैयारी कर रहे है।

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मैं ये तो बताना ही भूल गई🤭, हमने आपके लिए एक टेलीग्राम चैनल भी बनाया है जहां पर हम आपको ओ लेवल की लाइव अपडेट देते रहेंगे, तो उसे ज्वाइन करना बिल्कुल मत भूलना वैसे यहां पर टेलीग्राम चैनल का लिंक भी दिया है!👉 https://t.me/olevelstudyy

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